मेरे जितने भी सपने थे वो पूरे हो चुके हैं | मैंने जैसी जॉब, जैसी लाइफ चाही, उस मुकाम तक पहुंच चुका हूं|
अब मुझे और ऊंचा बढ़ने की भूख नहिं है| मैं अब फैलना चाहता हूं| मेरी जॉब ने मुझे पहचान दी है| मेरे पास समाज में बैठने के लिए जगह है और मुझे कार्य समय में उत्कृष्ट काम करने का मौका मिल रहा है|
जब मैं छोटा था तब मेरे पापा का अक्सर transfer होते रहता| हर तीन साल में नई जगह, नए लोग और नया वातावरण| तब ये लगता कि दोस्त छूट जाते हैं, बार बार नई जगह जाकर टिक नहिं पाते कि फिर नई जगह|
अब जाकर समझ आया है कि change is the only constant in life. बदलाव ही प्रकृति का नियम है और जिस बात को मैं अपनी मुसीबत समझ रहा था वही बातें अब मीठी बनके याद आती हैं कि कितने दोस्त बनाए और कितनी जगहों par कितनी जिंदगी देखी|
फौजी की जिंदगी में बहुत रोमांच होता है, ये देखा और आज वो सोचकर अपने पिता और अपने परवरिश के लिए मुझे गर्व होता है|
जब काम की चुनौतियाँ अपने ऊपर जोर डालती हैं तो वो पल याद आते हैं| इसलिए हर पल को पूरी तरह शिद्दत से जियो| जो हाथ में है उसे पूरे दिल से, दिलों हाँ से चाह लो|
और उसी में जिंदगी का फलसफा है| आजकल मैं एक किताब पाढ़ रहा हूं – THE HOW OF HAPPINESS. ये किताब बता रही है कि किस तरह हम अपनी जिंदगी में खुशी को महसूस कर सकते हैं|
बड़ी ही सुंदर किताब है और कई सारी ऐसी बातें इस किताब में दी हुई हैं जो आपको और मुझे हेल्प करेंगी अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने में|