मैंने अक्सर इस बात पर सोचा है कि मेरी क्या जरूरत| जब मैंने अपना ये ब्लॉग स्टार्ट किया तो सबसे पहले यही सवाल मेरे मन में आया – मुझे लोग क्यों पढ़ेंगे, उन्हें मेरी जरूरत क्यों पड़ेगी?
दुनिया में ऐसा मैं नया क्या कर रहा हूं | मुझे लगता है कि मैंने अपनी ज़िन्दगी में बहुत कुछ सीखा है जो मुझे नहीं मालूम था| मगर हैं ना इंटरनेट पर ऐसे लोग जो ये काम मुझसे कई गुना अच्छे से कर पा रहे हैं| संदीप माहेश्वरी जी जिनके 27 Million followers हैं YouTube पर, क्या मैं कभी उनके जैसे content दे पाउंगा और क्या मेरे उनके जैसे followers जुड़ पाएंगे|
दोनों ही सवालों का जवाब जब मैं सोचता हूं तो जवाब आता है – “नहीं”
तो जब जवाब ना है तो वहीँ रुक जाता| फिर मेरी क्या जरुरत| मुझे इतनी मेहनत करने की क्या जरुरत| उस मेहनत से क्या होगा | और यही सवाल जैसा मैं सोचता हूं कई लोगों को इस धरती पर आते हैं| वो अपने आप से यही पूंछकर शुरू होने से पहले वहीँ थम जाते हैं|
क्या आपको पता है कि लाइफ में जब हमें ये hope ही नहिं होती कि हमारी कोई जरूरत भी होगी किसीको तो फिर हम अपने आपको वैल्यू नहिं दे पाते| ऐसा नहिं की हम देना नहिं चाहते मगर हमें लगता है कि इस दुनिया में तो बड़े बड़े महारथी हैं फिर मेरी क्यूँ जरूरत| अपने आप में वो बात नहीं दिखती जो हम सफल हस्तियों में देख पाते हैं|
फिर भी मैंने अपना ये ब्लॉग behtar zindagi शुरू किया| फिर भी मैं रोज़ ये सोचता हूँ कि आज अपने readers के साथ शेयर करूँ| सच बोलूं तो अभी इस ब्लॉग पोस्ट को लिखने के बाद शायद ही दुनिया में कुछ बदले | ज्यादा से ज्यादा ये पोस्ट मेरी वाइफ, बच्चे, सिस्टर और कुछ यार दोस्तों तक ही पहुंचेगा| वहां कोई इंतज़ार नहीं कर रहा मेरे पोस्ट का कि यहाँ पब्लिश बटन दबाया और कुछ ही घंटों में लोग टूट पड़ेंगे post को पढ़ने के लिए|
तो ऐसा क्या है
तो चलिए मैं आपको पहले एक वाक़िया share करता हूँ|
मैं तब छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में पोस्टेड था और वहाँ पर बैंक में लोन डिवीज़न में रहा करता| अक्सर हम चाय पीने शाम को एक दूकान जो बैंक से 500 मीटर दूर पर थी, जाते| वहाँ पर चाय पीना रोज़ाना हुआ करता| वहीँ बगल में एक सज्जन खड़े मिलते जिनसे हम मोबाइल रिचार्ज करवाया करते|
एक बार वो मेरे बैंक आये और उन्होंने मुझसे बैंक लोन की बात की| मुझे लगा कि इनसे मैं क्या बात करूँ कितना लोन लेंगे| मैंने ऐसा इसलिए सोचा क्यूंकि मैंने उन्हें चाय की टपरी के पास खड़े होते देखा था बस| और वो तो बस मोबाइल रिचार्ज में कितना कमा लेते होंगे? इसलिए ये सोच मैं उन्हें कुछ महीनों टालता गया|
फिर जब मिलते तो इशारों में पूँछ ही लेते कि उन्हें लोन कब मिलेगा| एक बार जब मैं सुनते सुनते पक गया तो मैंने उनसे पूँछ ही लिया कि किसके लिए लोन लेंगे| उन्होंने बताया कि एक घर बनाएंगे| मैंने उनसे कहा कि उसमें तो बहुत पैसे लगेंगे, आप कैसे चुकाएंगे| अभी तक मैंने उनकी ITR भी नहीं देखी थी औरमैं अपने ख़यालों में ये मान बैठा था कि उनकी हैसियत क्या होगी जो खड़े होने की जगह के साइज की दूकान चला रहे हैं|
मेरे बस पूँछने भर की देरी थी और उन्होंने मुझे अगले ही दिन अपना प्लाट दिखने ले गए| और मैं क्या देखता हूँ की वहां कि सबसे बढ़िया रिहायशी कॉलोनी में हमारे सिंधी भाई का प्लाट है| मैं शॉक हो गया| I could not believe this !
ये कैसे
मैं हैरान था कि ये क्या, ये तो सचमुच seriously बोल रहा था| फिर मैंने उससे पूँछा कि उन्हें कितना लोन चाहिए| उन्होंने बताया कि उनके पास बाकि तो जुगाड़ है बस 10 लाख की जरुरत पड़ेगी| मैंने फिर हिम्मत की और उन्हें अपना ITR लाने को कहा| अगले ही दिन वो अपना ITR लेकर आये और मेरी बची शंकाएं भी झूठी ही निकली|
तब जाकर मैं समझ पाया कि उस मामूली और हमेशा विनम्र भाव से पेश आने वाले भाई का बिजनेस पुराना है| और उनके पास हम जैसे ग्राहक monday से sunday आते हैं| और सिंधी भाई कभी दूकान नहीं बंद करते | और उन्होंने धीरे धीरे करके savings की और अब total 50 लाख का मकान बनाने जा रहे हैं|
उनकी विनम्र भाव से की गई सेवा उनके Assets थे जहाँ ग्राहकों का आना जाना लगा ही रहता था | वो कभी किसी को भला बुरा नहीं बोलते था और बड़ी दूकान के के किराये और अन्य ताम-झाम के खर्चे बचा लिए| मोबाइल रिचार्जिंग के बिजनेस में बस दो-चार अलग अलग कंपनी के मोबाइल चाहिए होते हाँ और बस!
अक्सर हमारी आँखें धोखा खा जाती हैं| हमें थोड़ा दिखावे के दरवाजे से बाहर निकलना होता है असली सच्चाई जानने के लिए| और फिर मैंने एक और बात नोटिस की| वो ये कि मार्केट में तो सैकड़ों कपडे की दुकान हैं, उन दुकानों में हज़ारों कपडे हैं और वो सभी कपड़ों का स्टॉक भी ख़तम होजाता है| उसी तरह हर तरह की दूकान में ग्राहक हैं| दूकान सिर्फ बड़े शोरूम वालों की ही नहीं चल रही|
सबको सबकुछ एक जैसा नहीं चाहिए| किसी को कुछ तो किसी को कुछ और चाहिए| तो क्या जरुरी है कि सभी को संदीप माहेश्वरी जी की बातें समझ में आएं | संदीप जी जैसे दुनिया में हजारों की तादाद में मोटिवटर्स हैं और वो सभी अपने अपने मैसेज के लिए famous हैं|
एक स्कूल टीचर, एक इंजीनियर, एक डॉक्टर, एक प्लेयर ही हैं क्या दुनिया में| और लाखों करोड़ों में उनकी तादाद हुए भी आज भी हमारे पास डॉटर-इंजीनियर नहीं है| सूरज के नीचे सबके लिए जगह है | और यही सोच मुझे hope देती है|