सोशल मीडिया को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं| सोशल मीडिया ने सोशल डिसटेनसिंग बढ़ा दी है | अब लोग अपने स्मार्ट फोन से चिपके रहते हैं| ज्यादा मिलना जुलना पसंद नहिं करते हैं| सोशल मीडिया पर खूब सारी बकवास खबरें वाईरल हो रही हैं|
सोशल मीडिया को लेकर सोशल मीडिया पर ही ऐसी ख़बरें आने लगी हैं कि सोशल मीडिया का हमारी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा है| लोगों में सोशल आईसोलेसन बढ़ रहा है| सोशल मीडिया की वजह से लोग अब फोकस नहिं कर पा रहे हैं|
इस तरह सोशल मीडिया समाज में एक खलनायक बनके उभर रहा है| क्या सचमुच ऐसा हो रहा है या फिर सोशल मीडिया का कोई दूसरा पहलू ही है| आइए इस पोस्ट में जानें उस दूसरे पहलू को जिसको मैंने अनुभव किया है इन कुछ सवालों में|
बात शुरू करते हैं वाटसेप से| वाटसेप पर मेरे कई सारे सोशल ग्रुप्स हैं| उनमे से कुछ खास हैं –
एक ऐसा ग्रुप है जो मुझे मेरी हॉबी जो की रनिंग है उससे जुड़ा है| ये सोशल ग्रुप उन लोगों का है जो रहते हैं अलग अलग शहरों में मगर एक जुनून जो हम सबको जोड़ता है| मेरे आसपास ऐसा कोई नहिं है जो रनिंग को लेकर वही फील करवाए जो ये रनिंग ग्रुप करवाता है
फिर एक ऐसा ग्रुप है जो कि मेरे बचपन के स्कूली दोस्तों का है| हम सब अलग अलग शहर में, अलग अलग देशों में बसे हैं मगर आज भी जब मन करता है दोस्तों से वो मासूमियत भरी बातें कर लेते हैं|
फिर ऐसे कई और भी मीनिंगफुल ग्रुप्स हैं जो बिना सोशल मीडिया के कभी संपर्क नहिं कर पाते|
अब आते हैं यूट्यूब पर – शायद ही और दूसरा दुनिया में ऐसा कोई प्लेटफॉर्म हो जो इतना कुछ सिखाता है| Microsoft excel के फॉर्मूले कैसे अप्लाइ करें, घर पे समोसे कैसे बनाएं, मुंबई शहर में 3 दिन की ट्रिप में क्या क्या घूमने जाएं, लंदन शहर कैसा दिखता है और ऐसे ही कई सवाल जो शायद यूट्यूब के सिवा और कोई तरीका नहिं जानने का|
यूट्यूब में कुछ भी सर्च करो और जवाब ऑडियो वीडियो के साथ मिल जाएगा| बच्चों को मुफ्त में घर बैठे अपनी पढ़ाई से जुड़े ट्यूशन मिल जाएंगे| क्या सोशल मीडिया को त्यागने से कोई दूसरा विकल्प आपको नजर आ रहा है जो आपके इतने सवालों का जवाब दे पाएगा|
सोशल मीडिया पर अब ऐसे इन फ्लूएनसर मिलते हैं जो उन टॉपिक पर बातें करते हैं जिसको सामाजिक संस्थानों में पढ़ाए और समझाये जाने का काम शायद अभी कई दशक और लगेंगे जैसे सेक्स एजुकेशन, फाइनेंस एजुकेशन, फिटनेस से जुड़ी टिप्स वगैरह |
सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके ही मैंने ब्लॉगिंग करनी शुरू की| अब मुझे किसी प्रकाशन, किसी न्यूज पेपर या फिर एजेंट को पकड़ने की जरूरत नहिं, मैं अपनी बात बिना किसी हिचक आप तक पहुंचा रहा हूं| ये भी सोशल मीडिया होने की वजह से ही सम्भव हो पा रहा है|
अभी तक कोई खबर कैसे दिखानी है, कितनी दिखानी है, दिखानी भी है कि नहिं – ये सब चांद लोगों के हाथ में था लेकिन आज देश का हर नागरिक लैस है कैमरे और माइक से और कुछ भी नहिं छुप पाता जो नहिं छुपना चाहिए| आज देश में धर्म और जाती से बढ़कर विकास की बातें हो रहीं हैं|
अभी कुछ ही दिनों पहले मैंने linkedin पर अपना प्रोफाइल बनाया| वहाँ पर कोई भी, किसी भी कंपनी के जॉब ऑफर के लिए अप्लाई कर सकता है| कंपनियाँ कई बार खुद ऑफर लेकर आप तक पहुंच जाती हैं|
क्या सोशल मीडिया सचमुच नुकसान दायक है या फिर हमारी आदतों की वजह है कि हम उसको ठीक तरीके से इस्तेमाल नहिं कर पा रहे और त्राहि मान, त्राहि मान कर रहे हैं|
जहां इतने सारे फायदे मैंने आपको गिना दिए, वहाँ एक बात तो तय हो गई कि सोशल मीडिया बड़े काम की चीज है| जैसे सड़क पर दुर्घटना होती है मगर हम चलना नहिं छोड़ते ब्लकि सुरक्षा और सावधानी रखते हैं, उसी तरह हमें सोशल मीडिया पर कुछ नियम कसके सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से अपने आपको बचा सकते हैं|
सोशल मीडिया पर समय का ध्यान रखें
सोशल मीडिया तब इस्तेमाल ना करें जब आप अपने मित्रों या परिवार जनों के साथ हों| इसे शिष्टाचार भी कहेंगे|
सोशल मीडिया पर भड़काऊ ख़बरों से अपने आपको परे रखें|
सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले अपने आपको सुरक्षित कर लें|
इस तरह सोशल मीडिया पर अनुशाशन से आप होने वाली नेगेटीव प्रभावों से अपने आपको बचाएं और सोशल मीडिया को अपने विकास, समृद्धी और खुशहाली के लिए उपयोग में लाएं|