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खुद को बेहतर बनाने के 4 खास नुस्खे

अपने आप को बेहतर बनाने के लिए हम सभी चाहते हैं। मगर कर नहीं पाते हैं। क्या कभी आपने वजह जानने की कोशिश की?

अक्सर हम लटक जाते हैं वहीं पर । जी हां, सही तरह सोचने पर। हमारी पूरी ग्रोथ इस बात पर निर्भर करेगी कि हम कितना बढ़िया और कितना बड़ा अपने लिए सोच पाएंगे। तो आइए मैं कुछ सेल्फ डेवलपमेंट टूल्स आपसे शेयर करता हूं।

ये सेल्फ डेवलपमेंट टूल्स आपको बेहतर सोच देंगे और आपको ग्रो करने में पूरी हेल्प करेंगे।

📚 बुक्स पढ़ें

अपने आपको बेहतर सोच दिलाने के लिए सबसे बढ़िया टूल जो कभी नहीं फेल होगा वो हैं किताबें यानि बुक्स।

आप जैसा बनना चाहते हैं या आप जिस तरह का अपना जीवन बनाना चाहते हैं तो उसी तरह की बुक्स पढ़ें। आजकल सभी टॉपिक्स पर आपको बुक्स मिल जाएंगी। हेल्थ को इंप्रूव करना चाहते हैं तो हेल्थ से जुड़ी किताबें पढ़ना शुरू करें। अगर आप अपना सोशल नेटवर्क बढ़ाना चाहते हैं तो आप सोशल नेटवर्किंग(लोक व्यवहार) पर किताबें पढ़ें।

यदि आप अपनी कंप्यूटर स्किल्स को इंप्रूव करना चाहते हैं तो कंप्यूटर से जुड़ी किताबें पढ़ना शुरू कर दें। यदि आप अपने आपको इंग्लिश या कोई अन्य भाषा सिखाना चाहते हैं तो उस लैंग्वेज से जुड़ी किताब खरीद लें और उसे पढ़ना शुरू करें।

किताबें पढ़ने से आपके माइंड में उसी तरह के विचार पनपेंगे। विचारों से ही हम सोचना शुरू करते हैं। विचार वो बीज हैं जो फिर बड़े होते हैं और बढ़कर विशाल रूप धारण कर लेते हैं और हमारी लाइफ की रियलिटी बनते हैं।

ऐसा आपको देखने को मिलेगा कि अक्सर लाइफ में अच्छी प्रोग्रेस करने वाले लोग, दूसरे लोगों पर नहीं बल्कि लिखी हुई किताबों पर ज्यादा भरोसा करते हैं। इसकी वजह ये है कि एक अच्छी लिखी किताब , गंगाजल के समान होती है जिसमे आपको छने हुए विचार मिलेंगे।

किताब को लिखने के लिए लेखक उस प्रक्रिया से गुजर चुका है जिसमे अभी हम फंसे हुए हैं। इसलिए बुक्स पड़कर आपको अपने सेल्फ डेवलपमेंट के लिए नए टूल्स मिलेंगे।

रोज डायरी में लिखें 📒

अपनी एक डायरी मेंटेन करें। और इस डायरी में अपने रोज की लाइफ लाइफ को जैसे का तैसा अपने शब्दों में लिखते जाएं।

अक्सर ये होता है कि हम सोचते कुछ और होते हैं और हकीकत कुछ और होती है। For example, लोग अक्सर अपनी असफलता को किस्मत पर छोड़ देते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने बहुत कोशिश की मगर वो सफल बन नहीं पाए।

ऐसे लोग अपने एक्शंस को अभी तक नहीं समझ पाए हैं। उन्हे ये लगता है कि जितना उन्होंने किया उससे अच्छा क्या हो सकता था। वो अपने आपको परफेक्ट मानकर चलती हैं। और यहीं पर सबसे बड़ा धोखा आप अपने आप से कर बैठते हैं।

अपने डेली एक्शंस को अपने डायरी में रिकॉर्ड करें। आप जिस भी किसी तरह का सुधार अपने लाइफ में लाना चाहते हैं उसके लिए अपने डेली एक्शन को डायरी में लिखें। डायरी में जब आप लिखेंगे तब आप अपने आपको सेल्फ सर्टिफाई करते हैं कि आने उस दिन क्या किया।

और फिर उसी फील्ड से जुड़ी जिस फील्ड में आप इंप्रूव करना चाहते हो रोज अपनी एक्टिविटी को रिकॉर्ड करेंगे तो आपको अपने मिशन से जुड़े आंकड़े अपनी आंखों के सामने दिखाई देना शुरू कर देंगे। और फिर आप छोटे छोटे वो मिस्टेक्स जो आप कर रहे होंगे उनके पकड़ लेंगे और उनको इंप्रूव कर लेंगे।

देखिए रॉकेट यदि मात्र कुछ डिग्री से टेढ़ा लॉन्च किया जाए तो वो उतने डिग्री का मोड़ हर सेकंड लेगा और फिर जाके धम्म से नीचे ही गिरेगा। वो एक छोटी डिग्री का मोड़ बढ़ते बढ़ते इतना बड़ा बन जाता है कि पूरे लॉन्च मिशन को फेल कर देगा।

उसी तरह हमे अपने डेली एक्शनस को देखते रहना है और फिर उस पर डेली मॉनिटरिंग करनी है और फिर उन पर डेली इंप्रूव करना है। और इस तरह बड़ी बड़ी गलतियों को करने से बचेंगे।

इस तरह डायरी आपको अपने डेली एक्शन को देखने, उन्हे जज करने और फिर उनको सुधारने में हेल्पफुल रहेगी। सेल्फ डेवलपमेंट के लिए डायरी बहुत ही बढ़िया टूल है।

कुछ समय निकालकर एकांत में बैठें

आप क्या कर रहे हैं और जो कर रहे हैं क्या वो आपके लक्ष्य से जुड़ी चीजें कर रहे हैं या फिर आप कहीं भटक तो नहीं रहे हैं। ये सब समझने के लिए आपको चाहिए कि आप कुछ समय निकालकर अपने विचारों के साथ बिताएं।

इसे आप यूं समझें कि आप को अपनी दिशा और अपनी दशा दोनो का समय समय पर रिव्यू करने की जरूरत है। समय समय पर खुद को रोककर अपने एक्शंस को देखना और आंकना कि जो एक्शन आपने लिए क्या वो आपके विजन के अनुसार हैं। कहीं वो आपको अपने लक्ष्य से भटका तो नहीं रहे।

होता क्या है कि दिन भर हम कई तरह से इमोशंस से जूझते हैं। और इन्ही इमोशंस में फिर फंस जाते हैं। करने कुछ जाते हैं और हो कुछ और जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम अपने ऊपर तो कंट्रोल कर लेते हैं मगर हमारे सामने जो आता है वो किस तरह का व्यवहार करेगा उसकी गारंटी हम नहीं ले सकते।

ऐसे में कभी कभी हम रिएक्ट कर जाते हैं और फिर बाद में बहुत समय बाद उस बात को रियलाइज करते हैं। यदि आप डेली कुछ समय अपना निकाल कर अपने एक्शंस को रिव्यू करते जायेंगे तो आप को लाइफ में बड़े बड़े रिग्रेट (पछतावा) नहीं करने होंगे।

अपना प्लान राइटिंग 🖋️ में बनाएं

क्या अपने अपना प्लान बना लिया है। तो बताए कि आपने उसे लिख लिया है। यदि हां तो आपने बहुत ही बढ़िया कार्य किया है।

हम अपने प्लांस अक्सर दिमाग में सोच लेते हैं और फिर उसे भूल जाते हैं। फिर कोई बात ऐसी होती है लाइफ में तब उस प्लान या गोल की याद आती है। For example, नए साल की शुरूआत में ज्यादातर लोग अपने फिटनेस गोल सेट करते हैं मगर फिर कुछ ही हफ्तों में अपने पुराने ढर्रे पर चले आते हैं।

और ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि वो विजन , अपना मिशन और अपना गोल भूल जाते हैं। हम लोग अपने सेल्फ इंप्रूवमेंट के बारे में सोचते जरूर हैं मगर फिर जब हमारी फीलिंग्स चेंज हो जाती हैं तो हम फिर उस तरह से अपनी विजन को फील नहीं कर पाते और फिर जब वैसा फील नहीं करते तो कोई उसके अनुसार एक्शन भी नहीं लेते।

इसलिए अपने लक्ष्य , अपने विजन को दिमाग से निकलकर एक पेपर पर लिखो। अपनी डायरी में लिखो। अपने रूम में लिखकर चिपका दो जहां से वो लक्ष्य आपको रोज पुकारे।

वो लक्ष्य जो अक्षरों में अपनी शक्ल पा जाते हैं, एक दिन हकीकत में भी आ जाते हैं।

बेहतर जिंदगी

लिखा हुआ गोल अपने मन और मस्तिष्क को दिन रात बराबर याद दिलाएगा कि आपको किस तरफ बढ़ने की जरूरत है। खाते पीते सोते जागते उठते बैठते चलते फिरते।

इति

इस तरह ये चार नुस्खे आपको अपनी लाइफ को बेहतर बनाने में बहुत हेल्प करेंगे। यदि कुछ शेयर करना चाहे आप तो नीचे कमेंट्स जरूर करें।

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