ऋषि सुनक इंग्लैंड के प्रधान मंत्री हैं। ये इतिहास में पहली बार हुआ कि भारत मूल के और हिंदू धर्म के अनुयायी, ब्रिटिश साम्राज्य के सबसे ऊंचे पद पर आसीन हुए। ब्रिटिश प्रजातंत्र के 210 साल के इतिहास में ये अद्वितीय है।
ऋषि वैसे तो नाम से ही भारतीय मूल के समझ में आते हैं मगर वही तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री बनने पर भगवदगीता पर हाथ रखकर शपथ ली। और वो अपने आपको हिंदू भारतीय ही कहते हैं।
ऋषि सुनक का जन्म इंग्लैंड के साउथंपटन शहर में सन 1980 में हुआ जो नॉर्थंपटनशायर काउंटी में आता है। उनके पिताजी ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस में बतौर डॉक्टर काम करते थे। उनके पिताजी केन्या, अफ्रीका में जन्में थे जहां उनके दादाजी पलायन करके गए थे। उनके दादाजी पाकिस्तान के गुजरांवाला से थे और नाना पंजाब के लुधियाना शहर से थे।
तो आइए जानें ऋषि सुनक के बारे में 10(दस) ख़ास बातें जो आप अब तक नहीं जानते होंगे।
- ऋषि सुनक की पत्नी भी भारतीय मूल हैं। उनकी पत्नी श्रीमती अक्षता मूर्ति पूर्ण रूप से भारतीय हैं जिन्होंने अब ब्रिटिश सिटिजनशिप ले ली है। उनके माता पिता भी बहु चर्चित व्यक्ति हैं। अक्षता जी की मम्मीजी, श्रीमती सुधा मूर्ति हैं जो प्रसिद्ध लेखिका, सामाजिक कार्यकर्ता और इन्फोसिस फाउंडेशन की चैपर्सन हैं।
वहीं अक्षता के पिताजी श्री नारायण मूर्ति जी जाने माने उद्योगपति हैं जिन्होंने इन्फोसिस कंपनी को स्टार्ट किया।
- ऋषि सुनक प्रधान मंत्री बनने से पहले और राजनीति में आने से पहले एक हेज फंड मैनेजर थे। उन्होंने अपनी MBA की पढ़ाई करने के बाद गोल्डमैन सैक्स नामक बहुराष्ट्रीय कंपनी ज्वाइन की। कई साल वहां पर काम किया और बड़े बड़े इन्वेस्टमेंट से जुड़े फैसले लिए।
इसलिए शायद, ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बनने से पहले , फाइनेंस मिनिस्टर का कैबिनेट संभाल रहे थे। उनकी वित्त और बाजार जगत की दुनिया पर अच्छी पकड़ रही है। कुछ समय के लिए वो अपने ससुर जी के वेंचर कैपिटल फंड, कैटामरन वेंचर्स के प्रमुख भी रह चुके हैं।
- ऋषि सुनक बचपन से पढ़ने लिखने में बड़े मेधावी रहे। उन्होंने अपने बचपन की पढ़ाई, अपने जन्मस्थान साउथंपटन में ही की। उसके बाद उन्होंने स्कूली शिक्षा कॉलेज की पढ़ाई ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के लिंकन कॉलेज से की। कॉलेज में उनके पसंदीदा विषय थे: राजनीतिक शास्त्र, अर्थशास्त्र और दर्शन शास्त्र।
उसके बाद वो फुलब्राइट स्कॉलरशिप पर अमरीका चले गए और वहां उन्होंने अपनी MBA की पढ़ाई स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी कैलिफोर्निया से की। वही स्टैनफोर्ड जहां पर एप्पल कंपनी के फाउंडर, स्टीव जॉब्स ने अपनी अविस्मरणीय स्पीच, स्टे हंग्री, स्टे फूलिश दी थी।
- ऋषि सुनक के परिवार में उनकी दो बेटियां हैं। उनके पास कई घर हैं इंग्लैंड में जिसमे उनके पास एक बहुत ही शानदार घर है जिसका नाम है: करबी सिगस्टन मैनर। ये इंग्लैंड की उन इमारतों में आता है जिसको राष्ट्रीय धरोहर का संरक्षण प्राप्त है क्योंकि इसका निर्माण सन 1826 में किया गया था।
उनके इस आलीशान बंगले में जिम, तालाब, स्विमिंग पूल, टेनिस कोर्ट और बोटिंग की व्यवस्था है।
उनके साथ उनकी मम्मीजी और पिताजी भी रहते हैं। सुनक फार्मेसी के नाम से उनकी एक फ्रामेसी है जिसको उनकी मम्मीजी संभालती हैं। ऋषि ने बचपन का काफी समय सुनक फार्मेसी में कस्टमर सर्विस देते बिताया है l जब वो छोटे थे तो वो अपनी गर्मी की छुट्टियों में पास ही करी हाउस में इंटर्नशिप भी किया करते थे।
हमारे देश में बच्चे काम करने से कतराते हैं लेकिन ऋषि सुनक इसे अपना सौभाग्य बताते हैं। उनका कहना हैं कि उनको बचपन के अनुभव ने अपने आपको ग्रो करने में फॉर्मल एजुकेशन से ज्यादा मदद मिली।
- ऋषि सुनक एक खेल प्रेमी हैं और अपनी हेल्थ और फिटनेस का खास खयाल रखते हैं। इस बात का अंदाजा आप उनको देख कर ही लगा सकते हैं।
उन्हे हर भारतीय की तरह क्रिकेट पसंद है। इसके अलावा उन्हें हॉर्स रेसिंग भी बेहद पसंद है। सुबह 6 और 7 बजे के बीच उठ जाते हैं और सबसे पहले जिम में ही कुछ समय बिताना पसंद करते हैं।
अपने खानपान का भी खास ख्याल रखते हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग समय समय से करते रहते हैं। उन्हे खाने में पैन केक्स पसंद है।
- ऋषि सुनक का राजनीतिक करियर उनके कॉलेज के दिनों से ही शुरू हो गया था। जब वो कॉलेज में थे, उन्होंने ऑक्सफोर्ड में पढ़ते हुए कंजरवेटिव पार्टी में इंटर्नशिप की और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने लगे। सन 2010 में उन्होंने कंजरवेटिव पार्टी ज्वाइन कर ली।
पहली बार उनको हाउस ऑफ कॉमन्स जो हमारे लोक सभा के समकक्ष होता है, उसमे नॉर्थ यॉर्कशायर काउंटी के रिचमंड से चुने गए। फिर 2018 में उन्हे पहली बार मंत्रिमंडल में स्थान मिला और उन्हे लोकल गवर्नेंस में अपर सचिव का कार्यभार दिया गया। जुलाई 2019 में आम चुनावों के बाद उन्हे बोरिस जॉनसन के कैबिनेट में ट्रेजरी का चीफ सेक्रेटरी बनाया गया।
2020 के मंत्रिमंडल फेरबदल में उन्हे चांसलर का पदभार संभालने के लिए चुना गया। जुलाई 2022 में आपातकाल की स्थिति पैदा हुई और सरकार को मुद्दों पर विपक्षी घेरने लगे। अक्टूबर 2022 में ऋषि सुनक पार्टी के सबसे प्रभाव शाली नेता के रूप में उभरे और फिर तब प्रधानमंत्री लिज ट्रस की जगह लेते हुए इंग्लैंड के पहले हिंदू और भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बने।