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जॉब लाइफ (Job Life)

अपनी जॉब से खुशी कैसे पाएं

तो क्या है अपनी जॉब? 

सब कोई ना कोई जॉब करते हैं। हम सबको सोसायटी में कोई ना कोई जॉब पकड़नी होती है। मेरे पास भी जॉब है। मैं एक बैंक में जॉब करता हूं। 

जॉब के लिए एक और वर्ड यूज होता है – नौकरी। लेकिन मैं नौकरी वर्ड को यूज करने में परहेज करता हूं। जब आप नौकरी वर्ड यूज करते हैं तो ऐसा लगता है कि आप किसी के नौकर या गुलाम हैं। 

फिर रवैया भी वैसा ही हो जाता है। ऐसा करते हैं जैसे गुलामी काट रहे हैं। नौकरी करने वालों को लगता है कि उनका एकमात्र मकसद है काम करके पैसे कमाना। बस। इसलिए उनका अपने काम के साथ रिश्ता काम चोरी का होता है। जहां एक तरफ नौकरी करने वाले काम चोरी करते हैं वहीं दूसरी ओर कुछ लोग बिलकुल दुनिया जहान छोड़कर सिर्फ काम में अपने आप को खपा देते हैं। 

अपने आप को काम में खपा देने वालों के लिए काम ही दुनिया है। और अंतिम सांस तक काम ही करते रहना है। तो क्या हमारा अपने काम के साथ इन दो रवैय्यो के सिवा कोई और रिश्ता नहीं हो सकता। 

अपनी जॉब में पर्सनेलिटी डेवलपमेंट

मैं मानता हूं कि काम को सिर्फ पैसे कमाने का साधन ना मानकर हम अपने काम को अपनी पर्सनैलिटी डेवलपमेंट का जरिया बनाएं। काम वो चीज वो क्रिया है जो हमें अपने अंदर कई सारे गुणों को पैदा और उनका विकास करने में हेल्प करता है। 

आप देखेंगे कि जो लोग अपने काम को अपनी पर्सनैलिटी विकास का जरिया मानते हैं वो लोग अपने काम की क्वालिटी को बढ़ाने पर ध्यान देते हैं। उनको अपना काम करने में मजा आता है और वो उस काम में अपनी अच्छी से अच्छी छवि छोड़ना चाहते हैं। ऐसे लोग ऐसी कंपनी का निर्माण करते हैं जो वर्ल्ड क्लास प्रोडक्ट्स और सर्विसेज का निर्माण करती हैं। 

अपनी पर्सनैलिटी से जोड़कर अपने काम को देखने वाले जॉब में सिर्फ पैसा नहीं संतुष्टी भी पाते हैं जो जीवन में सबसे ऊंची उपलब्धि है। 

काम कोई भी हो – आपके पसंद का हो या ना हो मगर काम, काम होता है और उसे सफलता से करने के लिए एक अच्छे नजरिए का होना बहुत जरूरी है। ऐसा नजरिया जो काम में हुनर को निखारने का मौका देखे। आप चाहे कितना भी पसंदीदा काम करेंगे लेकिन एक समय से बाद उसमे भी पुराणापन आ जाता है।

कुछ नया सीखते रहें

इसलिए काम को एंजॉय करने के लिए काम में नयापन खोजें। एक ही काम को अलग अलग तरीकों से करें। अपने काम में सीखने के अवसर देखें। मैं आपको एक example से बताता हूं। जैसे अगर आपका काम emails लिखने से जुड़ा है तो email writing पर अपना ज्ञान बढ़ाएं और अच्छी से अच्छी email लिखें। आपको best email writing skills सीखने में मजा आयेगा। और इससे आप के email पढ़ने वाले प्रभावित होंगे और आपको अच्छे remarks मिलेंगे। 

अगर आपका काम लोगों से मिलने या प्रोडक्ट प्रमोट करने से जुड़ा है तो अपनी मार्केटिंग और कम्युनिकेशन स्किल्स को निखारें। ये ना सोचें कि ऐसा करने से क्या फायदा होगा। कोई भी काम बेहतर करने से फायदा तो होता ही है मगर पहले ही उसके बारे में सोचने से हम वहीं खड़े रहते हैं और आगे बढ़ने का डिसीजन नहीं लेते। 

आपकी स्किल्स डेवलप होंगी तो वो आपको एक अच्छा प्रोफेशनल बनाने के साथ एक अच्छा और बेहतर इंसान भी बनाएंगी। आपको ऑफिस में प्रमोशन मिले या ना मिले लाइफ में आप जरूर आगे बढ़ोगे। 

इस तरह सीखने और पर्सनैलिटी को निखारने का अपने काम को जरिया बनाएं । इससे आप जीवन में पॉजिटिविटी आयेगी और आप खुश मिजाज के बनेंगे। 

सिर्फ पैसा और प्रमोशन नहीं

अगर सिर्फ आप पैसे और प्रमोशन के बारे में सोचेंगे और एक जॉब से दूसरी जॉब में कूदते रहेंगे तो कभी अपना रियल विकास नहीं कर सकते। पैसे और प्रमोशन के बजाय खुद के जीवन और दूसरों के जीवन में वैल्यू एडिशन के लिए काम करें। 

मैं बैंकर की हैसियत से पहले ब्रांच मैनेजर की पोस्टिंग में था। और अब एक डिपार्टमेंटल हेड हूं। ये दोनो अलग अलग रोल हैं। ब्रांच मैनेजर में कस्टमर के साथ संवाद का मौका मिला। रोज नए नए अनुभव जुड़े। 

डिपार्टमेंटल हेड की हैसियत से एक ऑफिस में बैठना होता है। यहां पर ऑफिस स्किल्स सीखने का मौका मिल रहा है। पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन, माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल इत्यादि सीखने और अप्लाई करने का मौका मिल रहा है। 

आप यदि सिर्फ प्रमोशन का सोचेंगे तो अपनी ऊर्जा और समय दोनो नष्ट करेंगे। अपनी लाइफ स्टाइल को सिंपल रखें तो आपकी सैलरी पर्याप्त लगेगी और आप जिंदगी के और जरूरी आयामों पर ध्यान दे पाएंगे। 

वर्क लाइफ बैलेंस और वैल्यू एडिशन

जिंदगी में अन्य महत्व पूर्ण आयाम हैं हेल्थ, hobbies और रिलेशनशिप्स। अक्सर हम अपनी लाइफस्टाइल इतनी खर्चीली बना लिए हैं कि कर्ज के तले डूबते जाते हैं और अपनी सेविंग्स और इन्वेस्टिंग पर ध्यान नहीं देते। फिर उस कर्ज से उभरने के लिए ऑफिस में दिन रात एक करते हैं कि प्रमोशन मिल जाए और सैलरी बढ़े। 

प्रमोशन की होड़ में लग जाते हैं और अपनी लाइफ को अत्यंत तनाव से भर लेते हैं। नतीजा ये कि ना खुद के लिए और ना ही अपने परिवार के लिए कोई समय या ऊर्जा बचती है। और फिर हमारी सक्सेस हमें खोखली लगने लगती है। 

इसलिए आपसे यही कहूंगा कि अपनी जॉब को सिर्फ पैसे कमाने का नहीं बल्कि अपने जिंदगी को बेहतर बनाने का जरिया मानें। 

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