आइए दोस्तों, इस blog में जानें कुछ interesting facts हमारे constitution(संविधान) के बारे में |
मुझे ये ब्लॉग पोस्ट लिखने का idea तब आया जब मुझे कुछ दिनों पहले पता पड़ा कि हमारे देश में 26 नवंबर को संविधान diwas मनाया गया| संविधान दिवस को ही इंग्लिश में constitution कह्ते हैं|
To आपको जानने का मन कर रहा होगा कि 26 नवंबर को consitution day क्यूं मनाया जाता है | कहीं ये दिन किसी बड़े नेता, अभिनेता, लेखक, कवि या आजादी की लड़ाई के freedom fighter(स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानी) का Birthday(जन्मदिन) तो नहिं जैसा कि अक्सर होता है |
असल में मैं भी धोखा खा गया था| मुझे लागा था कि इस दिन शायद संविधान को लिखने में शानदार योगदान देने वाले अम्बेडकर जी का Birthday होगा|
But, I was wrong!
तो आइए जानें कि what is constitution day and why it is celebrated on 26th November.
जब हमारा देश आजाद हुआ तो फिर ये सवाल उठा कि इस महान देश को चलाने के लिए नियम और कानून जरूरी हैं| ऐसे कानून जिससे सभी तरह के लोगों को पूरी आजादी मिल सके|
और उसी संपूर्ण आजादी को देने के लिए देश में संविधान लिखने का प्लान बना| इस तरह संविधान एक नियमों की किताब है जिसमें देश को चलाने के सभी नियम बताये गये हैं |
जैसे :
हमे कौन कौन से अधिकार मिले हैं | ( क्या आपको पता है हमारे कितने मौलिक अधिकार हैं?)
हमारी सरकार कैसी चुनी जाएगी और हम उसके लिए किस तरह वोट करेंगे?
नए कानून कौन और कैसे बनाएगा और यदि कुछ चेंज करना है तो कैसे कर सकते हैं|
इन सभी बातों का और इसके अलावा और कई सारी बातों को लिखित रूप से बताया गया है हमारे संविधान की पुस्तक में|
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि एक अच्छा और जागरूक नागरिक बनने के लिए कितनी जरूरी है ये किताब| यदि मौका मिले तो इस के ऊपर YouTube पर videos या हो सके तो किताब को जरूर पढ़ें |
ज्यादा से ज्यादा लोग देश के संविधान को जाने और समझें, इसी के लिए हम संविधान दिवस मनाते हैं| इस दिन को सेलिब्रेट करने की शुरुआत हुई थी 26 नवंबर 2016 को |
इस दिन सभी स्कूलों और कॉलेजों में संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा जाता है और शहरों की गलियों से संविधान रैली निकाली जाती है|
हालाकि हमारा संविधान 26 नवंबर 1948 को बनकर तैय्यार हो गया था और इसे मंजूरी मिल गई थी, मगर पूरी तरह इसे 26 जनवरी 1950 को चालू किया गया|
तब से आज तक हमारे संविधान में कई छोटे बड़े बदलाव हुए हैं| मगर ये बदलाव कुछ इस तरह ही किए जा सकते हैं कि संविधान का मूलभूत ढांचा ना बदलने पाए | जैसे इस देश को स्वतंत्र गणतंत्र घोषित किया गया है तो इसे किसी के अधीन या इस पर हिटलर शाही नहीं लागू कर सकते|
इस सन्दर्भ में एक दिलचस्प वाक्या है जब भारत की तब प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने emergency घोषित करके पूरी सत्ता पर कुछ दिनों के लिए नियंत्रण स्थापित कर लिया था| मगर संविधान की ये शर्त की इसका मूलभूत ढांचा कोई नहिं बदलेगा ने देश को ऐसे कई मुश्किल दौर से बचाया है |
हमारे देश के संविधान को गांधी जी के विचारों ने प्रभावित किया है | इस संविधान पर इसके महा जनक, डा भीम राव अम्बेडकर की अमिट छाप है|
हालांकि इसे भारत मूल के विद्वानों ने सोच विचारकर लिखा है मगर इसमे बहुत सारे ideas ऐसे भी हैं जो दूसरे देशों के संबोधनों से प्रेरित होकर लिया गया है जैसे मौलिक अधिकारों को अमरिका के बिल ऑफ राइट्स ( Bill of Rights) से प्रेरित होकर लिया गया है|
मैं उन सभी विद्वानों को सर झुकाकर नमन करता हूं जिन्होंने हमें इतना सशक्त संविधान दिया जिसकी वजह से आज भारत देश पूरी दुनिया में लगातार आगे बढ़ रहा है |
जय हिंद, जय भारत!