Time मैनजेमेंट
USA में timezone इंडिया से ठीक उल्टा है | इंडिया और USA(New York ) के बीच कम से कम 10:30 hrs का फरक है इसलिए जब यहाँ सुबह होती है तो वहाँ शाम| वहाँ पर समय को लेकर बड़ी मारा मारी है | इंडिया में भी कौनसा हम लोग खाली बैठे रहते हैं | लेकिन USA में टाइम को लेकर वहां के लोग aware हैं|
USA में आप डॉक्टर के पास बिना अपॉइंटमेंट लिए नहीं जा सकते| वहाँ पर लोग आपको कब मिलेंगे और कितने देर के लिए पहले से ही decide करके बता देते हैं| हम चाहे इसे माने या ना माने मगर टाइम तो लेकर चाहे वो इंडिया हो या USA, सब जगह कमी होती है |
मैंने जो टाइम मैनेजमेंट का एक नया फंडा सीखा आपसे इस ब्लॉग पर शेयर कर रहा हूँ | मेरा एक दोस्त है जो US में रहता है | वो पहले इंडिया में ही था| वहाँ जाकर वो मुझे बिना पहले से टाइम बताये कॉल नहीं करता| और जब भी हम बात करते हैं तो वो पहले से schedule बता देता है कि फला दिन फलां समय पर इतने घंटों या मिनट के लिए हम मिलेंगे |
दरअसल बात यहाँ से शुरू हुई कि उसे मैं हेल्थ को लेकर कोच कर रहा था | शुरू में तो यही प्लान था कि जब मन करेगा तब वो कॉल कर लेगा | मगर फिर हुआ यूँ कि भाई साहब कन्नी काटने लगे – समय का अभाव बताकर | या कभी मैं busy होता या कभी वो | दोनों ही कोचिंग को लेकर committed नहीं थे |
फिर मैंने उससे एक दिन कहा कि भाई ये कोचिग लेनी है तुमको फिटनेस की तो फिर प्रोफेशनल तरीके से करते हैं| तुम इस कोर्स के लिए pay करो और टाइम schedule फिक्स करते हैं | फिर तय हो गया कि कितने समय और कितने समय तक किस – किस दिन हम ऑनलाइन बैठेंगे|
और उसके बाद पूरा कोर्स बहुत ही सुचारु रूप से चला | इससे मुझे दो बातें समझ में आयीं –
एक कि आपकी टाइम और skill की वैल्यू है | उसके लिए चार्ज करो | आप चाहे अपना दोस्त ही क्यों ना हो, यदि उसे कोई सर्विस या प्रोडक्ट दे रहे हैं तो वो आपका क्लाइंट और आप सेल्समेन बन जाते हैं | इसलिए आप फ्री में टाइम ना दें यदि वो टाइम आप कहीं और इन्वेस्ट कर सकते हैं | कमिटमेंट के लिए एक बॉन्ड होना जरुरी है और जब आप pay करते हैं तो आप अपने और दूसरों के समय की वैल्यू करते हैं |
और दूसरी तो बहुत सिंपल बात थी कि बिना पहले से समय बताये या जाने लम्बे कॉल्स मत करो | इसमें दोनों पार्टियों का नुक्सान होता है |