कुछ समय पहले मैंने एक किताब पढ़ी – द फाईव ए एएम क्लब (The 5 AM club) | इस किताब को पढ़ने से पहले से मैं इस बात को जानता आया हूं कि सुबह सवेरे जल्दी उठने से हम अपने जीवन को बेहतर बना लेते हैं मगर सुबह जल्दी उठने की आदत तब तक जीवन में नहिं लगी जब तक मैंने अपने आन्तरिक साम्राज्य की खोज नहिं कर ली |
सुबह उठकर अब सबसे पहले मैं एक ग्लास गुनगुना पानी पीता हूं| ये मेरा सबसे पहला कृत्य है सुबह उठने के बाद | उसके कुछ देर में पेट में गड़गड़ाहट होती है और फिर हल्का हो लेता हूं | और ये दो कृत्य मेरे सुखी जीवन के दो नित्य नियम बन गए हैं |
सुबह जल्दी उठना, उठकर गुनगुने पानी का सेवन करना और फिर पेट हल्का करना | और उसके बाद बैठकर अपनी डायरी में लिखना| कभी मैं सुबह उठकर कुछ समय किताब पढ़ लेता हूं और कभी मैं YouTube पर जाकर videos देख लेता हूं | इसके बाद मैं अपने दौड़ने या टहलने निकल जाता हूँ |
और ये क्रियायें मैं पिछले 5 साल से नियमित रूप से करते आ रहा हूं | जहां मैं इसके पहले पाने जीवन में समय की कमी को बताकर अपने जीवन में अपने आपको परेशान पाता था, अब सुख और शांति स्थापित है |
सुनकर शायद आप भी जानना चाहें कि ये कैसे सम्भव है और हम किस तरह अपनी लाइफ में ये सब कर पायें | इसको समझने और जानने के लिए हमें अपने जीवन के तीन पायदान को जानने की जरूरत है | पहले दो तो आप और हम सभी जानते हैं मगर तीसरा जिसको मैंने आंतरिक साम्राज्य कहा है उसको बहुत कम लोग जानते है और शायद इसलिए वहाँ तक पहुंचने में सफल नहिं हो पाते |
आइए जाने वो तीसरा पायदान क्या है मगर उसके पहले थोड़ा जानते हैं कि पहले दो पायदान जो हम सब जानते हैं और समझते हैं उसके बारे में :
पहला पायदान : सांसारिक जरूरतें
पहले पायदान पर रोटी, कपड़ा और मकान आते हैं | हमें जीवन में खाने के लिए खाना, पहनने के लिए कपड़े और रहने के लिए जगह की जरूरत होती है |
और हम सब इसे शॉर्ट फॉर्म में ये कह सकते हैं कि पैसा हमारी सबसे बेसिक जरूरत है | बिना पैसों के आप को रोटी, कपड़ा और मकान नहिं मिल पाएगा | हम इतने काबिल लाइफ में बन जायें कि सम्मानपूर्वक अपने लिए इन तीनों चीजों का जुगाड़ असानी से कर लें |
और ये बात हम सबको पता है | हर कोई जानता है और समझता है और इसलिए हम सब कहीं ना कहीं अपनी जिंदगी की दौड़ में पैसों के पीछे सूद रहे हैं | क्यूंकि इसे पाने से हम अपनी पहले पायदान की जरूरतों को भली-भांति पूरा कर लेंगे | ब्लकि इतना ही नहिं जितने पैसे आयेंगे, हम उतनी सुख – सुविधाओं को जोड़ सकते हैं और उनको भोग सकते हैं | इसके लिए कोई जॉब कर्ता है, कोई बिजनैस |
मगर मूलतः हमारी जरूरत सिर्फ अपने रोटी, कपड़ा और मकान की सम्मान पूर्वक व्यवस्था है | यदि आपने उतना कर लिया तो आपने अपने पहले पायदान को पा लिया और आपका जीवन पहले पायदान तक उठ जाएगा|
दूसरा पायदान – भावनात्मक और शारीरिक जरूरतों का
इस पायदान को पाने के लिए पहले पायदान को पाना जरूरी है | हमारी भावनात्मक जरूरतों को पूरा करती है फॅमिली | फॅमिली लाइफ का मतलब ऐसे लोग जिनसे आप जुड़े हों कुछ इस तरह कि वो आप के सुख और दुख को शेयर करें | हम अकेले नहिं रह सकते क्यूंकि हमें अपनी लाइफ में अपनी भावनात्मक जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग चाहिए |
हम फॅमिली लाइफ में कई सारे रोल एक साथ अदा करते हैं – भाई का, पति का, पुत्र का इत्यादी | इस तरह हम रिश्तों के ताने बाने में जुड़े रहते हैं | और ये रिश्ते हमें भावनात्मक रूप से जोड़े रहते हैं| इन्हीं किरदारों को निभाते हुए हम अपनी भावनात्मक जरूरतें पूरी करते हैं |
जो लोग शादी नहिं करते वो भी अपना परिवार बनाते हैं | जैसे कि वो किसी संस्था या सामाज का हिस्सा बनके | हम सभी कहीं ना कहीं एक दूसरे से जुड़ने की चाह रखते हैं और उसी चाह से हमारी भावनात्मक जरूरतें पूरी होती हैं |
यदि आपने अपनी लाइफ में अपनी खुद की फॅमिली बना ली है तो आप दूसरे पायदान पर पहुंच गए हैं |इसके लिए मैं आपको मुबारक बाद देता हूं |
अब दूसरे पायदान तक का रास्ता तो मेरा भी क्लियर था | मम्मी पापा बचपन से बताते रहे कि लाइफ में कुछ बनना है तो अपने आपको काबिल बनाओ | पढ़ो – लिखो और अपने को कमाने लायक बना लो |
हमारी पूरी सोसाइटी इसे जानती है और इसलिए हम स्कूल जाते हैं, कॉलेज जाते हैं और फिर जॉब या बिजनैस | इससे हमारी पहले पायदान तक कि यात्रा सफल होती है |
फिर दूसरे पायदान की यात्रा शुरू होती है | शादी होती है और परिवार बनता है और कड़ी से कड़ी जुड़ती चली जाती है |
और तीसरा पायदान – आपका आंतरिक साम्राज्य
अब जब एक बार हम अपनी शारीरिक और भावनात्मक जरूरतों को पूरा कर लेते हैं तो उसके बाद हमारा जीवन वहीँ पर poor ट्रूप से सर्व संपन्न नहिं हो जाता |
उसके बाद हमारे जीवन का तीसरा पायदान है जिस तक पहुंचे मन को अपार शांति और सुख का अनुभव होता है – हमारे अंदर निहित आंतरिक साम्राज्य | आपका आंतरिक साम्राज्य आपके आध्यात्मिक विकास से जुड़ा है| तो आइये जानें कि मैं किस आध्यात्मिक विकास की बात कर रहा हूं!
अध्यात्म का अर्थ है – आत्मा का अध्ययन | आत्मा जो हम सबमें निहित है | आत्मा का अध्ययन को असान शब्दों में कहेंगे – खुद को जानना और समझना | मुझे नहिं पता था कि ये पायदान किस चिड़िया का नाम है और मैं आपसे ये पायदान इस लिए बता रहा हूं क्यूंकि मैंने 5 साल पहले ही इसे ढूँढा है |
जो हमारे अंदर बेचैनी छाई रहती है क्या कभी आपने उस बेचैनी के बारे में सोचा है | शायद नहिं, शायद हां | इस बेचैनी को हम अपने आन्तरिक साम्राज्य को स्थापित करके दूर कर लेंगे |
में पहले बहुत परेशान रेहता | काम को लेकर | फॅमिली के चैलेंज को लेकर | और हम सभी | ये मन और शारीर दोनों को थका के और निचोड़कर रख देते | अध्यात्म का मतलब बहुत असान है – इसका मतलब है सेल्फ केयर यानी खुद को याद रखना और खुद का खयाल रखना |
हम अपने करिअर और परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए इतने थक और परेशान हो जाते हैं कि हमें एक ऐसी जगह जाकर कुछ समय विश्राम करने का मन कर्ता है जहां पर हमें अपने मन को शांति और सुकून मिल सके | वही जगह तो है – आपका आंतरिक साम्राज्य |
तो वहाँ तक कैसे पहुँचा जाएगा?
अपने अन्दर आंतरिक साम्राज्य को स्थापित करने के लिए आप कुछ समय निकालकर अपने लिए दें | आप अपने तन और मन के विकास के लिए प्लान बनायें क्यूंकि तन और मन – यही दो स्तम्भ हैं जिसपर पूरा साम्राज्य बनेगा |
मैं सुबह उठकर कुछ समय अपने लिए निकाल लेता हूं | फिर दिन भार तो फुर्सत नहिं मिलती | सुबह का समय सबसे सही है आपने साम्राज्य को स्थापित करने की शुरुआत के लिए |
उठकर सबसे पहले गुनगुना पानी पियें| कुछ ही समय में आपके शारीर का माल इकट्ठा होकर बाहर निकलने के लिए तैय्यार हो जाएगा | उसके बाद जब आपको हल्का लगे तब बैठकर कुछ देर अपने मन पर काम करें – मन में कोई भी दिन भार के विचार ना लाएं | बल्कि कुछ ऐसे काम करें जो आप शायद अपने बचपन में करते | यानि अपनी hobby या शौक वाला कोई भी काम करें |
इस तरह आप रोज अपने मन को तरो ताजा कर सकते हैं | मान को सेहतमंद बनाने के लिए शांति से बैठने का अभ्यास करें | मन में कोई विचार ना लेकर आयें बल्कि को घर को झाड़ू मारने के जैसे सभी संसारिक वी विचारों से दूर कर दें | कुछ घंटों के लिए भूल जायें संसार को और अपने मन के संसार में कूद लगायें | आपको अच्छा लगना शुरू हो जाएगा |
तन को सेहतमंद बनाने के लिए मॉर्निंग वॉक, या पार्क में घूमने जायें | यदि आपको कोई स्पोर्ट्स पसंद है तो वो खेलें | जीम जायें | या सिर्फ हरी वादियों में घूम कर आयें | हमारा शारीर जिन पांच तत्वों से बने हैं उनमें मिट्टी का योगदान बहुत बड़ा है | इसलिए पेड़ पौधों के बीच में कुछ समय बिताए|
यहां से आप अपने आन्तरिक साम्राज्य की स्थापना की शुरुआत करें | साम्राज्य एक दिन, एक हफ्ते या एक साल में नहिं बनेगा | इसलिए is तरह का जीवन जीने के लिए रोज जियें और इसकी अपनी कैफ का हिस्सा बना लें | और धीरे धीरे आप अपने आन्तरिक साम्राज्य को बढाने लगेंगे |
आंतरिक साम्राज्य वो जगह है आपके अंतर्मन में जहां से आपको ऊर्जा, हिम्मत और उम्मीद और जीने का मकसद मिलता है | बिना तीसरे पायदान पर पहुंचे और उसके लिए काम किए हम अपने पहले दो पायदान को कायम नहिं रख पाएंगे |