ये संसार अवसरों से भरपूर हैं। आपके पास इतने अवसर हैं कि यदि आप उन्हे explore करने निकलेंगे तो हैरान रह जाएंगे। और आप सोच में पड़ जायेंगे कि कौन सा अवसर पकड़ें और कौन सा छोड़ें।
सिर्फ जरूरत है अवसरों को देखने की। और देखने के लिए ज्यादा नहीं सिर्फ सर उठाने की जरूरत है। और नजर घुमाने की जरूरत है चारों ओर।
मगर होता क्या है कि अपनी ही बनाई दुनिया में हम खोए रहते हैं। वो दुनिया जिसको हमने अपने belief system से सीमित करके रखा हुआ है। जब हम अपनी बाउंड्रीज बना लेते हैं तो फिर कहां से हमारे पास अवसर आयेंगे।
आप अपना दायरा बढ़ाएं, अपनी सोच का दायरा बढ़ाएं। अपने mind की खिड़कियां खोलें। नए विचारों को सुनें, देखें और पढ़ें। नए लोगों से मिलें। अपने समुदाय, अपने धर्म, अपने परिवार जनों के दायरे से बाहर निकलकर दूसरे समुदाय, दूसरे धर्म और दुसरी संस्कृतियों को जानें, समझें और उन्हे भी explore करें।
ये दुनिया बड़ी विशाल है। इस दुनिया में कई तरह के लोग रहते हैं। इस दुनिया के कई तरह के प्रांत हैं। हो सकता है जहां पर आप हैं वहां पर संभावनाएं सीमित हों तो फिर वहां से निकलकर बाहर आएं।
कभी भी उदास ना हों। बल्कि जो समय उदास रहने में लगा रहे हैं उसे अवसरों को तलाशने में लगाएं। किसी भी स्थिति के दो पहलू होते हैं। समस्या कहें उसे या चुनौती कहें ? आपको ढूंढने पर अवसर दिखेंगे और ढूंढने पर समस्या।
आप किसके ऊपर focus करना चाहेंगे ?