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सेल्फ केयर

ज़िंदगी खूबसूरत है !

इस खूब सूरत जिंदगी को कभी मुरझाने मत दो। कई बार ऐसा होता है कि जिंदगी में मायूसी छा जाती है। मन उदास हो उठता है। और कई बार ये मायूसी कुछ दिनों, हफ्तों या महीनों की नहीं बल्कि सालों तक छाई रहती है।

आज कल की दौड़ती भागती जिंदगी में ऐसा होना लाजमी है। हम इतनी स्पीड से दौड़ रहे हैं कि दोस्त, फ्रेंड्स, यार कहीं छूट जाते हैं और पता भी नहीं लगता।

और इस अकेलेपन का अहसास तब होता है जब हम घनघोर अंधेरे में होते हैं। और फिर सोचते हैं कि ये कहां आ गए हम। जिंदगी के सफर में एक बात का जरूर ध्यान रखें कि अच्छे दोस्त को कभी ना छोड़ें। ये होता है कि कई दिनों तक मुलाकात नहीं हो पाती। उसकी शादी हो गई , बच्चे हो गए। मगर स्मार्ट फोन तो है ना। एक फोन तो घुमा ही सकते हैं।

कई बार मन सोचने लगता है। पता नहीं ये सही टाइम है क्या ? शायद बिजी हो किसी काम में। शायद ऑफिस में मीटिंग में हो। शायद aah छुट्टी के दिन फैमिली को टाइम दे रहा हो। यदि आप इस कैटेगरी के दोस्त हैं तो जनाब अभी आपको दोस्ती का एक चैप्टर पढ़ना बाकी है।

दोस्त को याद करने के लिए तो एक मिस्ड कॉल ही काफी है। जब भी याद आए कॉल कर दो। घंटी ना भी उठे तो परेशान नहीं होने का। तुमने अपने दिल की घंटी बजाई। तुम्हे अच्छी फीलिंग जरूर आएगी। और भरोसा रखो आगे पीछे कॉल भी आयेगा।

दोस्तों के साथ जुड़े रहें। आपको अंधेरे में नहीं रहने देंगे। आपको लिफ्ट करा देंगे मायूसी से। आपको शिफ्ट कर देंगे डिप्रेशन से बाहर।

मेंटल हेल्थ एक चुनौती बन रहा है। लोग अकेले होते जा रहे हैं और अकेलापन उन्हे खाता जा रहा है। कोशिश करें कि जहां भी रहें अपने आपको लोगों से जोड़ें रखें। याद रहे वो बात जो बचपन में पढ़ी थी हम सोशल एनिमल्स हैं। और रहेंगे। जब तक लोग हमारे आस पास रहेंगे हम मेंटली हेल्दी रहेंगे।

लंबी उमर तक जीने वाले लोगों में ये बात कॉमन पाई गई है कि वो सोशल वेल कनेक्टेड रहते हैं। उनके आस पास पॉजिटिव, सपोर्टिव और हंसमुख दोस्तों का अनमोल खजाना होता है।

एक हार्वर्ड स्टडी में ये भी पाया गया कि सबसे सुखी इंसान वही होते हैं जो अपने आस पास सोशल कनेक्शंस में रहते हैं। आपके सोशल कनेक्शंस न सिर्फ आपको सेहतमंद करता है बल्कि सुखी भी कर देता है। एक दूसरे को देखकर हम सब आपस में अच्छा महसूस करते हैं। आपस में अपने दुख दर्द , अपने सुखद एहसास शेयर करते हैं।

ऐसे दोस्त जरूरी हैं जो आपको दिन के युद्ध से मिली चोट पर शाम को मलहम लगा सकें।
इंसान कई बार अंदर अंदर अपने नेगेटिव विचारों के दल दल में इस तरह फंस जाता है कि उसे वहां से निकलना मुश्किल हो जाता है। और वो कुछ ऐसा कदम उठा लेता है जो उसकी जिंदगी उससे छीन लेती है।

चाहे पढ़ाई का प्रेशर हो, या बॉस का या लोन के बोझ का, हर वक्त एक जैसा नहीं रहता। और दूसरा आपको ये जिंदगी उस ऊपर वाले ने दी है। उसकी मर्जी में ही हमारी खुशी है। बस इस पर भरोसा रखो।
सब तरह का वक्त आता है , चला जाता है। बस तुम आगे बढ़ो और अपनी जिंदगी का एक और मेडल जीतो।

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