मुझे मेरे एक दोस्त ने एक बार मुझसे ये कहा था कि ये सेल्फ डेवलपमेंट और सेल्फ हेल्प की किताबें पढने का कोई फायदा नहीं होता है| ये सब किताबें जो आपको पॉजिटिव थिंकिंग वगेरह सिखाती हैं किसी काम कि नहीं होतीं| ये सब बकवास होती हैं| इनको पढने से हमारी ज़िन्दगी पर कोई ख़ास फरक नहीं पड़ता|
और मैं कई सालों तक अपनी सेल्फ डेवलपमेंट स्टोरी को किसी से भी शेयर करने से डरता रहा| मेरे द्वारा पढ़ी जाने वाली सेल्फ हेल्प बुक्स के बारे में मैं कभी किसी को नहीं बताता| जब मुझे सेल्फ हेल्प बुक्स खरीदने का मन करता मैं अकेले ही बुक स्टोर निकल पड़ता| (ये उस जमाने की बात है जब फ्लिप्कार्ट और अमेज़न ऑनलाइन शौपिंग पोर्टल्स नहीं हुआ करते थे|)
सेल्फ हेल्प बुक्स ने मेरी ज़िन्दगी में वही सपोर्ट दिया है जो एक अच्छा और सच्चा दोस्त देता है| मैंने अपने बचपन में ऐसे कई पाल बिठाये जहाँ मैं किसी से खुल के कुछ कह नहीं पाता था क्यूंकि मुझे मेरे सहपाठी अक्सर पसंद नहीं करते थे| और मुझे अपने ऊपर संदेह होता कि मैं क्या सही कर रहा हूँ या गलत!
दोस्त कहलाने वाले कभी मेरी उलझन को समझने के बजाई मुझे और उलझा देते| वो अक्सर हँसते और मैं उनकी हंसी का पात्र बन जाता| मुझे वो मन ही मन पसंद तो नहीं आता मगर मैं ऊपर से ऐसा ही जताता कि मैं उनके उस व्यवहार से ओके हूँ| जबकि कभी अन्दर से ओके नहीं महसूस कर पाता|
सेल्फ हेल्प बुक्स को मैं इसलिए पढता क्यूंकि वो मुझे आंके बिना मुझे अच्छी बातें सिखातीं और मेरी कई उलझनों में मुझे क्या करना चाहिए उसका पॉजिटिव जवाब ढूँढने में हेल्प करतीं| कहीं न कहीं आप जब इन सेल्फ हेल्प बुक्स को पढ़ते हो तो आप आत्मनिर्भर बनते हो क्यूंकि आप अपनी उलझनों को इन किताबों के जरिये खुद ही सुलझाना सीखते| सेल्फ हेल्प बुक्स आपको निष्पक्ष होकर आपको सही बाते सिखातीं|
सेल्फ हेल्प बुक्स आपको ऐसा स्पेस देतीं हैं जहां आप चीज़ों के अन्दर, जिंदगी के अन्दर पोसितिविटी खोज पाओ| मुझे सेल्फ हेल्प बुक्स से वही हेल्प मिली जो एक वफादार दोस्त से मिलती| इसलिए मैं ऐसी किताबें बड़े चाव से पढता हूँ| मुझे किस्से कहानियों की किताबों से ज्यादा रोमांचकारी वो सेल्फ हेल्प बुक्स लगती हैं जिनको पढने के बाद मुझे आत्म-बोध हुआ| ऐसी किताबें मुझे मोह लेती हैं| मैं ऐसी किताबों को नए नए फॉर्मेट में पढने के लिए लालायित रहता हूँ|
कहीं भी और किसी समय मुझे चाहे वो रेलवे प्लेटफार्म पर व्हीलर बुक स्टाल पर हो, चाहे वो क्रॉस वर्ड बुकस्टोर के सेल्फ हों या फिर आम अखबार स्टैंड पर हों, अगर मैं देख लेता हूँ तो मैं वहाँ खिंचा चला जाता हूँ सेल्फ हेल्प बुक्स की खोज में|
बाहर की दुनिया का कम्पटीशन और अन्दर की दुनिया का द्वन्द दो ऐसे अखाड़े हैं जहां आप अपने आप से ही झूझते हैं और अकेले ही दूसरों से भी जूझना होता है| बाहर की दुनिया में हर कोई आपका प्रतिद्वंदी बनकर खडा है| आप किसके पास जाओगे जो आपको बिना अपने स्वार्थ के गले लगा लेगा और सही राह बताएगा| अन्दर कि दुनिया में तो खुद से ही द्वन्द चलते रहता है| इन दोनों अखाड़ों में डट के लड़ने और जीतने की सोच का साहस अगर मुझे किसी से मिला तो वो हैं यही सेल्फ हेल्प बुक्स|
कौन है जो आपकी व्यथा को सुनेगा? वो गूँज लौटकर आपके कानों में ही लौट जाएगी| आपको ही खुदको कान लगाकर सुनना होगा| अगर आपके पास ऐसे दोस्त हैं जो आपको समय समय पर सही राह दिखाते हैं तो आप दुनिया के चुनिन्दा खुश किस्मत इंसानों में से एक हैं| यदि आप अभी ऐसे साथी की तलाश में हैं तो फिर सेल्फ हेल्प बुक्स को अपना साथी बना लीजिये| ये किताबें आपको जीने की राह बतायेंगी|
सेल्फ हेल्प बुक्स पढने वाले दुनिया में पोपुलर नहीं होते| उनके दोस्त कम होते हैं क्यूंकि वो अपने दोस्त सबको नहीं बनाते| सेल्फ हेल्प बुक्स पढने वाले मानसिक रूप से पीड़ित समझे जाते है मगर वो सचमुच जीवन के सत्य के ज्यादा करीब होते होते हैं| सेल्फ हेल्प किताबें पढने वाले ज़िन्दगी के नशे को समझना चाहते हैं इसलिए वो खुद को समझना चाहते है और इसीलिए वो सत्य की खोज में निकल पड़ते हैं जब उन्हें वो सत्य लोगों के बीच दिखाई नहीं देता|
सेल्फ हेल्प बुक्स के प्रेमी फूहड़ता में नहीं जीते| वो जीवन के कड़वेपन को कम करने की औषधि जरूर तलाश रहे होते हैं| गजब बात तो सबसे मुझे ये लगती है कि दुनिया में आपके अगल बगल में सेल्फ हेल्प बुक्स पढने वाले लोग नज़र नहीं आते मगर ये सेल्फ हेल्प बुक्स कुछ हज़ारों में नहीं बल्कि लाखों में, करोड़ों में और कुछ तो अरबों प्रतियों में छप कर बिक चुकी हैं| मतलब सच की तलाश समूचे समाज को है बस एक दुसरे से अंक मिलाकर बताने से कतराते हैं|