पॉजिटिव सोच आपको जिंदगी में बहुत कुछ दे सकती है – सफलता, संपति, सम्मान और सुख।
पॉजिटिव अंग्रेजी का शब्द है इसका हिंदी में मतलब होता है – सकारात्मक। हम किसी भी विचार को दो तरह के विचारों में बांट सकते हैं। या तो वो विचार आपका सकारात्मक होगा या फिर नकारात्मक।
सकारात्मक और नकारात्मक
सकारात्मक का मतलब उसमे संभावनाएं दिखेंगी जबकि नकारात्मक का मतलब ठीक इसका उल्टा। आपको नकारत्मक सोच और भावना भयभीत करेंगी और अनहोनी घटनाओं के होने की संभावनाओं को बढ़ा चढ़ा कर दिखाएंगी।
जीना में सुख, स्वास्थ्य और सफलता पाने के लिए सकारात्मकता पहली शर्त है। इन चीजों को पाने के लिए आपको समय लगेगा। और आपको वहां पहुंचने तक बीच में अड़चनें आएंगी और आपको भटकाने का पूरा प्रयास करेंगी। ऐसी स्थिति में अगर आप सकारात्मक बने रहते हैं तो आ अपने रास्ते से नहीं भटकेंगे और आप अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे क्योंकि आपको सकारात्मक सोच आपके सफल होने की संभावनाओं को हमेशा आपके सामने रखेगी।
एक कॉलेज ग्रेजुएट के लिए सकारात्मक सोच
जरा आप सोच कर देखे कि अगर आप कोलेज में पढ़ रहे हैं और आप ग्रेजुएट होकर एक अच्छी जॉब की तलाश करेंगे तो आपको अच्छी जॉब मिलने में समय लग सकता है। ऐसे में जब आपका एक बार या दो बार काम नहीं बनेगा और आप नकारात्मक हो जायेंगे तो आपको सफल होने की उम्मीद कम होती जायेगी।
आप कुछ समय के बाद ही मेहनत करने के लिए और प्रयास करने के लिए अपने अंदर वो उत्साह महसूस करना बंद कर देंगे। आपकी नकारात्मक विचारधारा आपको कहेगी कि जब कोई रिजल्ट नहीं निकल रहा तो क्यों कोशिश करना। आप या तो प्रयास पूरे मन से नहीं कर पाएंगे या फिर उस काम को आधे में छोड़कर अपना रास्ता बदल लेंगे। और कहेंगे कि कुछ और ट्राई करते हैं।
हम सफलता की खोज में तो निकल पड़ते हैं मगर सकारात्मकता का मंत्र जाप नहीं करते। इसलिए परेशान हो उठते हैं। वहीं अगर आप सकारात्मकता को अपना लेंगे तो आप प्रयास करने से कभी पीछे नहीं हटेंगे।
सकारात्मक बने रहने से आप अनेकों बार प्रयास करेंगे जिससे आप निखरते जायेंगे और फिर एक समय ऐसा आएगा कि आपको खुद पर इतना भरोसा हो जायेगा कि आपकी बॉडी लैंग्वेज और आप अंदाज ऐसा बन जायेगा कि अब आप जिस जॉब के लिए प्रयासरत थे वो मिल जायेगी।
सकारात्मकता से आप लंबे समय तक अपने जोश और जुनून को जिंदा रख पाते हैं इसलिए सकारात्मकता आपको दक्ष बनने में और सफल होने में एक सफल मंत्र हैं।